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Computer Book 11th Class | PDF | Central Processing Unit | Office Equipment
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Computer Book 11th Class

computer book

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ASCII कोड

कंप्यूटर हमारे जैसे अक्षरों (A, B, C) और संख्याओं (1, 2, 3) को सीधे


नहीं समझता। कंप्यूटर सिर्फ 0 और 1 की भाषा समझता है, जिसे बाइनरी कहा
जाता है।

अब सवाल आता है कि जब हम कंप्यूटर में कोई अक्षर या संख्या टाइप करते


हैं, तो कंप्यूटर उसे कैसे समझता है? इसका जवाब है

**ASCII कोड**। ASCII का मतलब है “American Standard Code for Information


Interchange”।

ASCII कोड एक टेबल की तरह होता है, जिसमें हर अक्षर, संख्या, और खास चिह्न
(जैसे @, #, $) का एक खास नंबर होता है। ये नंबर 0 से 127 के बीच होते
हैं। उदाहरण के लिए:

- A का ASCII कोड है 65

- a का ASCII कोड है 97

- 1 का ASCII कोड है 49

- स्पेस (जो आप स्पेस बार से देते हो) का ASCII कोड है 32

जब आप कीबोर्ड पर ‘A’ दबाते हो, तो कंप्यूटर उसे 65 नंबर के रूप में


समझता है और फिर स्क्रीन पर A दिखाता है।

ASCII कोड की मदद से कंप्यूटर को पता चलता है कि कौन सा अक्षर या चिह्न


दिखाना है। इस तरह, कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए अक्षरों और संख्याओं
को समझ पाता है और हमें सही तरीके से दिखा पाता है।
UNICODE
जब आप कंप्यूटर पर कोई अक्षर, संख्या या चिन्ह (जैसे A, 1, #) टाइप करते
हो, तो कंप्यूटर उसे बाइनरी (0 और 1) में बदलता है, ताकि वह उसे समझ सके।
ASCII कोड के बारे में हमने सीखा कि यह 0 से 127 तक के नंबरों का उपयोग
करता है। लेकिन ASCII में एक समस्या थी: यह केवल अंग्रेजी के अक्षर और
कुछ चिन्ह ही समझ सकता था। दुनिया में और भी बहुत सारी भाषाएँ हैं, जैसे
हिंदी, चीनी, अरबी, आदि। ASCII इन भाषाओं के अक्षरों को नहीं समझ पाता
था।

यहीं से **Unicode** आता है।

### Unicode क्या है?


Unicode एक बड़ा टेबल है जिसमें दुनिया की लगभग हर भाषा के अक्षरों,
चिन्हों, और प्रतीकों का कोड होता है। Unicode ASCII से कहीं ज्यादा
बड़ा है, क्योंकि इसमें हर भाषा के लिए जगह है। यह 0 से लेकर 1,114,111
तक के नंबरों का उपयोग कर सकता है।

### उदाहरण के साथ समझते हैं:

- ‘A’ का Unicode 65 है (यह ASCII कोड के जैसा ही है)।

- हिंदी में ‘क’ का Unicode 2325 है।

- चीनी में ‘你’ (जिसका मतलब है “तुम”) का Unicode 20320 है।

तो जब आप कंप्यूटर पर ‘क’ टाइप करते हो, कंप्यूटर उसे 2325 नंबर के रूप
में समझता है और स्क्रीन पर ‘क’ दिखाता है। इसी तरह, दुनिया के किसी भी
भाषा के अक्षर या चिन्ह का एक यूनिक (अद्वितीय) कोड होता है जिसे
Unicode कहते हैं।

Unicode का महत्व:
Unicode का फायदा यह है कि यह दुनिया की किसी भी भाषा में लिखे हुए
टेक्स्ट को एक ही तरीके से समझ सकता है। इससे कंप्यूटर पर अलग-अलग
भाषाओं में काम करना बहुत आसान हो जाता है।

तो, Unicode की मदद से आप एक ही समय में हिंदी, अंग्रेजी, चीनी, और दूसरी


किसी भी भाषा के अक्षर टाइप कर सकते हो और कंप्यूटर उन्हें सही तरीके से
समझेगा और दिखाएगा!
MICROPROCESSOR
Microprocessor एक छोटी सी चिप होती है, जो कंप्यूटर का दिमाग होती है।
जिस तरह हमारे दिमाग में सभी काम करने के आदेश होते हैं, ठीक उसी तरह
कंप्यूटर को काम करने के आदेश microprocessor देता है।

Microprocessor कैसे काम करता है?


Microprocessor हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों (instructions) को समझता
है, और फिर उन निर्देशों के आधार पर कंप्यूटर से काम कराता है। जैसे मान
लो, आपने कंप्यूटर में ‘2+3’ जोड़ा, तो microprocessor इसको समझेगा और
फिर उसका जवाब ‘5’ निकालेगा।

Microprocessor का उपयोग कहां होता है?


Microprocessor का उपयोग न केवल कंप्यूटर में, बल्कि हमारे रोजमर्रा के
जीवन में इस्तेमाल होने वाले बहुत सारे उपकरणों में भी होता है, जैसे:

- मोबाइल फोन

- टीवी

- वॉशिंग मशीन

- माइक्रोवेव ओवन

Microprocessor के मुख्य भाग


Microprocessor के तीन मुख्य भाग होते हैं:

1. **ALU (Arithmetic and Logic Unit)**: यह गणितीय और तर्क से जुड़े काम


करता है, जैसे जोड़ना, घटाना, तुलना करना आदि।

2. **CU (Control Unit)**: यह निर्देशों को समझता है और उन पर काम करने के


लिए अन्य हिस्सों को आदेश देता है।

3. **Memory**: इसमें सभी डेटा और निर्देशों को अस्थाई रूप से रखा जाता


है, जिससे microprocessor उनको आसानी से प्राप्त कर सके।
Microprocessor का महत्व
Microprocessor के बिना कंप्यूटर और अन्य स्मार्ट डिवाइस काम नहीं कर
सकते। यह हर छोटे-बड़े काम को तेजी से और सही तरीके से करने में मदद करता
है।

### एक आसान उदाहरण:

मान लो कि microprocessor एक स्कूल का प्रधानाचार्य (Principal) है।


Principal के पास स्कूल में होने वाले सभी कामों के लिए निर्देश होते
हैं। जैसे कि कब क्लास शुरू करनी है, कब छुट्टी देनी है, और किस टीचर को
कौन सी क्लास पढ़ानी है। Principal इन सभी कामों को निर्देश देता है और
सभी काम उसी के हिसाब से चलते हैं। ठीक उसी तरह, microprocessor भी
कंप्यूटर में सारे कामों का निर्देश देता है और कंप्यूटर उसी के
मुताबिक चलता है।

इस तरह, microprocessor कंप्यूटर का दिमाग है जो सब कुछ नियंत्रित करता


है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को समझने के लिए इसे एक खेल की तरह सोचते


हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

AI का मतलब है कि हम कंप्यूटर और मशीनों को ऐसा बनाने की कोशिश कर रहे


हैं कि वे इंसानों की तरह सोच सकें, समझ सकें और काम कर सकें। जब
कंप्यूटर या मशीन खुद से निर्णय लेती है, सवालों के जवाब देती है, या
किसी समस्या का हल ढूंढती है, तो हम उसे AI कहते हैं।

### एक सरल उदाहरण:


सोचो तुम्हारे पास एक रोबोट है। अगर वह रोबोट सिर्फ तुम्हारे कहने पर
काम करता है, जैसे “रोबोट, मुझे पानी लाकर दो,” तो यह साधारण मशीन है।
लेकिन अगर वह रोबोट खुद समझ जाए कि तुम प्यासे हो और खुद से पानी लाकर
दे, तो वह AI रोबोट है।

### और उदाहरण:

1. **यूट्यूब पर वीडियो सुझाव**: जब तुम यूट्यूब पर वीडियो देखते हो,


तो यूट्यूब तुम्हें नए वीडियो दिखाता है जो तुम्हें पसंद आ सकते
हैं। यह AI है जो समझता है कि तुम किस तरह के वीडियो पसंद करते हो
और फिर उसी के अनुसार सुझाव देता है।

2. **गूगल असिस्टेंट या एलेक्सा**: जब तुम गूगल असिस्टेंट या एलेक्सा


से कुछ पूछते हो, जैसे “मौसम कैसा है?” तो वह तुम्हें सही जवाब
देता है। यह AI की वजह से संभव होता है क्योंकि AI समझता है कि
तुमने क्या पूछा और उसे सही तरीके से जवाब देना होता है।

3. **वीडियो गेम्स**: जब तुम वीडियो गेम खेलते हो, तो गेम में जो


कैरेक्टर होते हैं, वे खुद से निर्णय लेते हैं कि तुम्हें कैसे
चुनौती दी जाए। वे समझते हैं कि तुम क्या कर रहे हो और उसके अनुसार
काम करते हैं। यह भी AI का एक हिस्सा है।

### AI कैसे काम करता है?

AI को काम करने के लिए बहुत सारा डेटा और जानकारी चाहिए होती है। यह
जानकारी उसे सिखाई जाती है, जैसे कि तुम स्कूल में पढ़ाई करते हो। फिर AI
इस जानकारी का उपयोग करके खुद से नई चीजें सीखता है और खुद से काम करना
शुरू करता है।

### असली दुनिया में AI:

- **गूगल मैप्स**: यह तुम्हें सबसे तेज़ रास्ता दिखाता है, और ट्रैफिक के


बारे में बताता है।
- **ऑनलाइन शॉपिंग**: जब तुम ऑनलाइन कुछ खरीदते हो, तो वेबसाइट तुम्हें
उन चीजों के सुझाव देती है जिन्हें तुम शायद खरीदना चाहोगे। यह AI की
वजह से होता है।

- **फेसबुक या इंस्टाग्राम**: ये तुम्हें ऐसे पोस्ट और फोटो दिखाते

मशीन लर्निंग (Machine Learning) को समझना बहुत ही मजेदार है! चलो इसे
आसान भाषा में समझते हैं।

मशीन लर्निंग

मशीन लर्निंग का मतलब है “मशीन को सिखाना”। यह एक तरीका है जिसमें हम


कंप्यूटर या मशीन को खुद से सीखने और समझने की क्षमता देते हैं, ताकि वह
बिना किसी के बताए खुद से काम कर सके। जैसे तुम स्कूल में पढ़ाई करके नई
चीजें सीखते हो, वैसे ही मशीनें भी डेटा और अनुभव से सीखती हैं।

### उदाहरण से समझते हैं:

मान लो, तुम्हारे पास एक स्मार्टफोन है और उसमें एक ऐप है जो बिल्लियों


और कुत्तों की तस्वीरें पहचान सकता है। अगर तुम ऐप में एक बिल्ली की
फोटो डालते हो और वह कहता है, “यह बिल्ली है,” तो यह सही है। लेकिन अगर
तुम कुत्ते की फोटो डालते हो और वह कहता है, “यह बिल्ली है,” तो वह गलती
कर रहा है।

अब, मशीन लर्निंग की मदद से हम इस ऐप को ढेर सारी बिल्लियों और कुत्तों


की फोटो दिखाकर सिखाते हैं। जितनी ज्यादा तस्वीरें यह देखेगा, उतना ही
यह सीख जाएगा कि बिल्ली और कुत्ता कैसे दिखते हैं। और फिर, जब तुम अगली
बार इसे कोई तस्वीर दिखाओगे, तो यह सही से पहचान सकेगा कि वह बिल्ली है
या कुत्ता।

### मशीन लर्निंग कैसे काम करता है?


मशीन लर्निंग में तीन मुख्य चीजें होती हैं:

1. **डेटा**: बहुत सारी जानकारी, जैसे बिल्लियों और कुत्तों की


तस्वीरें।

2. **एल्गोरिद्म**: एक तरीका, जिससे मशीन डेटा को समझती और सीखती है।

3. **मॉडल**: सीखने के बाद जो परिणाम मिलता है, वह मॉडल कहलाता है। यह


मॉडल यह तय करता है कि मशीन अगली बार सही जवाब देगी या नहीं।

### और एक उदाहरण:

मान लो, तुम्हारे पास एक ऐप है जो तुम्हें गणित के सवालों में मदद करता
है। शुरुआत में, हो सकता है कि ऐप कुछ सवालों के गलत जवाब दे। लेकिन अगर
तुम उसे सही जवाब दिखाओ और बार-बार सिखाओ, तो वह सीख जाएगा कि सही जवाब
क्या है। समय के साथ, वह तुम्हारे सभी गणित के सवाल सही तरीके से हल करने
लगेगा। यह मशीन लर्निंग की मदद से होता है।

### असली दुनिया में मशीन लर्निंग:

- **नेटफ्लिक्स या यूट्यूब**: ये तुम्हें वही वीडियो और फिल्में दिखाते


हैं जो तुम्हें पसंद आ सकती हैं। यह मशीन लर्निंग की मदद से होता है,
क्योंकि ये प्लेटफार्म्स सीखते हैं कि तुम क्या देखना पसंद करते हो।

- **ईमेल स्पैम फिल्टर**: जब तुम्हें ईमेल आता है, तो मशीन लर्निंग यह


सीखता है कि कौन सा ईमेल जरूरी है और कौन सा स्पैम (बेकार) है, और फिर
बेकार ईमेल को स्पैम फोल्डर में भेज देता है।

### निष्कर्ष:

मशीन लर्निंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम मशीनों को खुद से सीखने की ताकत


देते हैं। यह हमारी जिंदगी को आसान और बेहतर बनाता है, क्योंकि मशीनें
समय के साथ और भी स्मार्ट हो जाती हैं और हमें सही जानकारी और मदद देती
हैं।
**बिग डेटा**

### बिग डेटा क्या है?

बिग डेटा का मतलब है “बहुत सारे डेटा”। जब हम बहुत सारी जानकारी या डेटा
इकट्ठा करते हैं और वह इतना बड़ा हो जाता है कि उसे साधारण तरीके से
संभालना मुश्किल हो जाता है, तो उसे बिग डेटा कहते हैं।

### एक आसान उदाहरण:

सोचो, तुम्हारे पास एक बहुत बड़ी किताब है जिसमें हर दिन की गर्मी, ठंड,
और बारिश की जानकारी दर्ज की गई है। अगर तुम सिर्फ एक महीने का डेटा
देखोगे, तो वह बहुत बड़ा नहीं होगा। लेकिन अगर तुम्हारे पास 10 साल का
डेटा है, तो वह बहुत बड़ी किताब होगी! इसे संभालना और समझना मुश्किल हो
सकता है। यही बिग डेटा है।

### बिग डेटा की खास बातें:

1. **वह बहुत बड़ा होता है**: बिग डेटा बहुत सारी जानकारी से बना होता
है। जैसे, लाखों लोगों की खरीदारी की आदतें, सोशल मीडिया पर की गई
पोस्ट्स, और बहुत कुछ।

2. **बहुत जल्दी बदलता है**: डेटा हर समय बदलता रहता है। लोग रोज़ नए
पोस्ट्स करते हैं, नई तस्वीरें डालते हैं, और नई जानकारी साझा करते हैं।

3. **बहुत विविध होता है**: डेटा विभिन्न प्रकार का हो सकता है, जैसे
टेक्स्ट, चित्र, वीडियो, और ऑडियो।

### बिग डेटा के कुछ उदाहरण:

1. **फेसबुक**: फेसबुक पर हर मिनट लाखों लोग पोस्ट्स करते हैं,


तस्वीरें अपलोड करते हैं, और वीडियो शेयर करते हैं। फेसबुक इस
सारी जानकारी को संभालने और समझने के लिए बिग डेटा का उपयोग करता
है।
2. **गूगल**: जब तुम गूगल पर कुछ खोजते हो, गूगल को दुनिया भर से मिली
जानकारी को जल्दी से प्रोसेस करना होता है। गूगल बहुत सारे डेटा
का उपयोग करके तुम्हें सबसे अच्छा जवाब देता है।

3. **शॉपिंग वेबसाइट्स**: अमेज़न या फ्लिपकार्ट पर लाखों लोग


खरीदारी करते हैं। इन वेबसाइट्स को पता करना होता है कि कौन से
प्रोडक्ट्स ज्यादा बिक रहे हैं, लोगों की पसंद क्या है, और कौन सी
डील्स आकर्षक हैं। इसके लिए वे बिग डेटा का इस्तेमाल करते हैं।

### बिग डेटा कैसे काम करता है?

1. **डेटा इकट्ठा करना**: बहुत सारी जगहों से डेटा इकट्ठा किया जाता है,
जैसे सोशल मीडिया, वेबसाइट्स, और सेंसर।

2. **डेटा प्रोसेसिंग**: डेटा को व्यवस्थित किया जाता है और उसे समझने


के लिए प्रोसेस किया जाता है।

3. **डेटा विश्लेषण**: विश्लेषण किया जाता है कि डेटा से क्या उपयोगी


जानकारी निकल सकती है, जैसे किस प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ रही है या लोगों
की क्या आदतें हैं।

### निष्कर्ष:

बिग डेटा एक बहुत बड़ा और विविध डेटा सेट होता है जिसे समझना और उपयोग
करना चुनौतीपूर्ण होता है। यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर
बनाने के लिए उपयोगी जानकारी देता है और हमारे द्वारा किए गए फैसलों को
आसान बनाता है।

समस्या को सुलझाने के लिए कई चरण होते हैं जिन्हें आप एक-एक करके फॉलो
कर सकते हैं। यह एक तरह की योजना होती है, जो किसी भी मुश्किल समस्या को
हल करने में मदद करती है। चलिए इसे आसान तरीके से समझते हैं।
समस्या सुलझाने के चरण:

1. **समस्या को पहचानना**:

- **क्या है समस्या?** सबसे पहले, आपको यह समझना होगा कि समस्या क्या


है। इसे पहचानना सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

- **उदाहरण**: अगर तुम्हारे गणित के सवाल सही नहीं आ रहे हैं, तो समस्या
हो सकती है कि तुम सवाल को ठीक से समझ नहीं पा रहे हो।

2. **समस्या की जानकारी इकट्ठा करना**:

- **जानकारी एकत्र करें**: समस्या के बारे में सभी जानकारी एकत्र


करें। इससे आपको समस्या को ठीक से समझने में मदद मिलेगी।

- **उदाहरण**: गणित के सवाल को ठीक से समझने के लिए, सवाल के सारे


हिस्से और दिए गए डेटा को ध्यान से पढ़ें।

3. **समाधान के विकल्प सोचना**:

- **विकल्प तैयार करें**: विभिन्न तरीकों और समाधानों के बारे में


सोचें। आप कितनी तरीकों से समस्या को हल कर सकते हैं?

- **उदाहरण**: गणित के सवाल को हल करने के लिए आप विभिन्न तरीके ट्राई


कर सकते हैं, जैसे कि फ़ॉर्मूला याद करना या गणना करने के नए तरीके
अपनाना।

4. **सर्वोत्तम विकल्प का चयन करना**:

- **सर्वोत्तम तरीका चुनें**: सोचें कि कौन सा तरीका सबसे अच्छा और


प्रभावी है। इसके लिए आप अपने विकल्पों की तुलना कर सकते हैं।

- **उदाहरण**: अगर एक तरीका से गणित के सवाल जल्दी हल हो रहे हैं और सही


जवाब मिल रहे हैं, तो उसी तरीके को अपनाएं।

5. **समाधान लागू करना**:

- **समाधान लागू करें**: चुने हुए विकल्प को लागू करें और समस्या को हल


करें।

- **उदाहरण**: गणित के सवाल का हल करने के लिए चुने हुए तरीके को फॉलो


करें और जवाब लिखें।
6. **परिणाम की समीक्षा करना**:

- **समीक्षा करें**: हल किए गए समाधान को चेक करें कि वह सही है या


नहीं। क्या समस्या का समाधान हुआ?

- **उदाहरण**: गणित के सवाल का उत्तर सही है या नहीं, यह जांचें। अगर


सही है, तो अच्छा! अगर नहीं, तो जांचें कि क्या कहीं गलती हुई है और
दोबारा से समस्या को हल करने की कोशिश करें।

7. **सीखना और सुधारना**:

- **सीखें और सुधारें**: समस्या को हल करने के बाद, सोचें कि आपने क्या


सीखा और अगली बार और बेहतर कैसे कर सकते हैं।

- **उदाहरण**: अगर गणित के सवाल में कोई गलती हुई थी, तो उसे नोट करें और
अगली बार से ध्यान रखें।

### निष्कर्ष:

समस्या सुलझाने के लिए आपको सही तरीके से सोचने, सही जानकारी इकट्ठा
करने, और अच्छे समाधान को लागू करने की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया को
फॉलो करके आप किसी भी समस्या को आसानी से हल कर सकते हैं!

**अल्गोरिदम** को समझना बहुत मजेदार हो सकता है! चलो इसे एक आसान तरीके
से समझते हैं।

अल्गोरिदम

अल्गोरिदम एक कदम-दर-कदम निर्देशों की एक श्रृंखला होती है, जो किसी


समस्या को हल करने या किसी काम को पूरा करने के लिए होते हैं। जैसे जब
तुम कोई खेल खेलते हो या खाना बनाते हो, तो तुम्हें कुछ स्टेप्स फॉलो
करने होते हैं। इसी तरह, कंप्यूटर को भी काम करने के लिए कुछ स्टेप्स की
जरूरत होती है, जिसे हम अल्गोरिदम कहते हैं।
### एक आसान उदाहरण:

मान लो तुम एक सैंडविच बनाना चाहते हो। इसके लिए तुम्हें कुछ स्टेप्स
फॉलो करने होंगे:

1. **ब्रेड निकालो**: सबसे पहले, ब्रेड की दो स्लाइस निकालो।

2. **बटर लगाओ**: ब्रेड की एक स्लाइस पर बटर लगाओ।

3. **सेंविच फिलिंग डालो**: बटर लगी ब्रेड पर चीज, सब्जियाँ या जो भी


फिलिंग डालनी हो, डालो।

4. **दूसरी स्लाइस रखो**: दूसरी ब्रेड की स्लाइस को फिलिंग के ऊपर रखो।

5. **काटो**: सैंडविच को दो हिस्सों में काट लो और खाओ।

ये सारे स्टेप्स मिलकर एक अल्गोरिदम बनाते हैं जिससे तुम सैंडविच बना
सकते हो।

### कंप्यूटर में अल्गोरिदम:

जब कंप्यूटर को कोई काम करना होता है, जैसे गणित का सवाल हल करना या कोई
गेम खेलना, तो उसे भी कुछ स्टेप्स फॉलो करने होते हैं।

### एक कंप्यूटर अल्गोरिदम का उदाहरण:

मान लो, तुम्हें एक नंबर को ढूंढना है जो एक लिस्ट में सबसे बड़ा है।
इसके लिए कंप्यूटर को ये स्टेप्स फॉलो करने होंगे:

1. **पहला नंबर ले लो**: सबसे पहले, लिस्ट में से पहला नंबर को याद करो।

2. **बाकी नंबर चेक करो**: लिस्ट में बाकी नंबरों को एक-एक करके चेक करो।

3. **बड़े नंबर को याद करो**: अगर कोई नंबर पहला नंबर से बड़ा हो, तो उसे
याद रखो।

4. **सबसे बड़ा नंबर बताओ**: लिस्ट के सभी नंबर चेक करने के बाद, सबसे
बड़ा नंबर बताओ।
### निष्कर्ष:

अल्गोरिदम एक तरह की योजना होती है जिसमें हम किसी काम को पूरा करने के


लिए चरण-दर-चरण निर्देश देते हैं। चाहे तुम घर पर सैंडविच बना रहे हो या
कंप्यूटर को कोई काम सिखा रहे हो, अल्गोरिदम हमें बताता है कि कौन से
कदम उठाने होंगे!

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